हिसार में रिश्‍ते कलंकित, पिता ने 6 वर्षीय बेटी के साथ किया दुष्कर्म का प्रयास

हिसार में रिश्‍ते कलंकित, पिता ने 6 वर्षीय बेटी के साथ किया । दुष्कर्म का प्रयास बदलते परिवेश में रिश्तों की विश्वसनीयता पर आंच आ रही है। क्षणिक सुख व स्वार्थ के चलते लोग आए दिन रिश्तों को कलंकित कर रहे हैं। शहर में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं।

हिसार में रिश्‍ते कलंकित, पिता ने 6 वर्षीय बेटी के साथ किया दुष्कर्म का प्रयास
हिसार में रिश्‍ते कलंकित, पिता ने 6 वर्षीय बेटी के साथ किया दुष्कर्म का प्रयास

HISAR- बदलते परिवेश में रिश्तों की विश्वसनीयता पर आंच आ रही है। क्षणिक सुख व स्वार्थ के चलते लोग आए दिन रिश्तों को कलंकित कर रहे हैं। शहर में ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। जिसमें अपनों ने ही रिश्तों को तार-तार किया है। हिसार जिले के हांसी क्षेत्र में एक सौतेले पिता द्वारा अपनी 6 वर्षीय मासूम बेटी के साथ दुष्कर्म करने का मामला आया है।

जानकारी में सामने आया कि महिला ने अपनी पहली शादी से पति से तलाक ले लिया और तालाक के बाद उसने हांसी के निकट स्थित एक गांव में दूसरी शादी कर ली। पहली शादी से महिला को एक लड़का और एक लड़की थी।

परंतु महिला को क्या पता था कि जिस व्यक्ति के साथ उसने दूसरी शादी की है और वह अपनी जिंदगी संवारने के सपने बुन रही है वहीं व्यक्ति उसकी 6 वर्षीय बच्ची के साथ गलत करने की मंशा पाले हुए है। इस बारे अब महिला ने पुलिस को शिकायत दी है।

शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपित के खिलाफ पोक्सो एक्ट की धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस को दी गई शिकायत में महिला ने बताया कि उसकी पहली शादी पंजाब में हुई थी। परंतु किसी कारणों के चलते उसका उसके पति से तलाक हो गया था। उसने बताया कि पहली शादी से उसे एक लड़का और एक लड़की है।

तलाक के कुछ दिनों बाद उसने दोबारा से अपनी जिंदगी को सवारना चाहा और उसके हांसी के निकट एक गांव में एक व्यक्ति के साथ दोबारा शादी कर ली। उसने बताया कि शादी के बाद उसका बेटा और बेटी उसके साथ रहते थे। उसने बताया कि उसका पति उसकी बेटी के साथ कई दिनों से छेड़छाड़ व जबरदस्ती कर रहा था। जिसके चलते अंत में उसने परेशान होकर पुलिस को शिकायत दी है।

सरकारी व गैर सरकारी प्रयासों के बावजूद बच्चों व किशोरों के साथ यौन शोषण के मामले थम नहीं रहे हैं। उन्हें गैरों से ज्यादा खतरा अपनों से है। हालांकि ज्यादातर लोग अपनी इज्जत बचाने के लिए मामला दबा देते हैं। नतीजतन, बच्चे मानसिक बीमारियों का शिकार हो जाते हैं जबकि आरोपियों के हौसले बुलंद हो जाते हैं। अधिकतर देखा गया है कि बच्चियों से दुष्कर्म मामले में कोई परिचित ही आरोपित निकलता है। बच्चों को अपनों व आसपास रहने वालों से ही ज्यादा खतरा रहता है।